मन के भंवर को भी मुस्कान से भर देती है।।
मीठी नींद के खुलते ही जागते सपने में ले जाती है,
कुछ ऐसा ये बवाल कर देती है।।
आँखे मींचते उठूं मैं मुस्कुराकर जब भी,
दिल में उल्लास जगा ये खुशियां भर देती हैं।
अजीब सा शोर रहता है दिनभर,
इन सारी हलचलों को मौन कर देती हैं।।
भोर की शांति कमाल कर देती है,
चेहरे पर ना कोई थकान ये देती है।।
रंग बिखेरे हल्की किरण,
जब चेहरे को छूती है,
अलग तेज सी रौनक ये अंदर तक भर देती है।
भोर की शान्ति भी कमाल कर देती है,
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